राष्ट्रपति का देश के नाम संदेश
मुर्मू बोलीं- जब दुनिया कोरोना से जूझ रही थी, तब भारत ने खुद को संभाला
स्वतंत्रता दिवस की पूर्वसंध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश को संबोधित किया. ये पहली बार है कि जब उनहोंने देश के नाम संबोधन दिया. उस दौरान उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों को नमन है. देश के आजादी के 75 साल पूरे हो चुके हैं.
उन्होंने कहा कि भारत में आज संवेदनशीलता व करुणा के जीवन-मूल्यों को प्रमुखता दी जा रही है। इन जीवन-मूल्यों का मुख्य उद्देश्य हमारे वंचित, जरूरतमंद तथा समाज के हाशिये पर रहने वाले लोगों के कल्याण हेतु कार्य करना है। देश के प्रत्येक नागरिक से मेरा अनुरोध है कि वे अपने मूल कर्तव्यों के बारे में जानें, उनका पालन करें, जिससे हमारा राष्ट्र नई ऊंचाइयों को छू सके
स्वतंत्रता सेनानियों को नमन
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि 15 अगस्त 1947 के दिन हमने औपनिवेशिक शासन की बेड़ियों को काट दिया था. उस शुभ-दिवस की वर्षगांठ मनाते हुए हम लोग सभी स्वाधीनता सेनानियों को सादर नमन करते हैं.
25 जुलाई को ली थी शपथ
द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) ने 25 जुलाई को देश के 15वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। वह शीर्ष संवैधानिक पद पर आसीन होने वाली सबसे कम उम्र की और पहली आदिवासी हैं। वह ऐसी पहली राष्ट्रपति हैं, जिनका जन्म देश की आजादी के बाद हुआ है।