हल्द्वानी। कुसुमखेड़ा निवासी योगेश जोशी नर सेवा ही नारायण सेवा की कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं। नि:स्वार्थ भाव से वह हमेशा लोगों की मदद को तैयार रहते हैं। बेसहारा लोगों की उम्मीद का दूसरा नाम भी इन्हें कहां जाए तो गलत नहीं होगा। एक नहीं सैकड़ों उदाहरण मिल जाएंगे इनके मानवता से जुड़े कार्यों के। फिलहाल हम ये अभी इसलिए बता रहे हैं क्योंकि इन्होंने एक मां-पिता को अपने बिछुड़े बेटे से मिला दिया। आंध्र प्रदेश से भटककर यहां पहुंचे मानसिक बीमार युवक का आठ माह तक इलाज कराने के बाद पुलिस की मौजूदगी में उसे सकुशल माता-पिता के सुपुर्द किया। इस पर युवक के अभिभावकों ने योगेश जोशी का कोटि-कोटि धन्यवाद किया।
बता दें कि इस साल जनवरी शुरू में पूर्व समाजसेवी योगेश जोशी को एक विक्षिप्त युवक ठंड के मौसम में काठगोदाम सड़क के किनारे आग सेकते नजर आया। कम उम्र के युवक के तन में फटे कपड़े और दाढ़ी-बाल बढ़े हुए थे। युवक की हालत देख समाजसेवी योगेश जोशी ने युवक की मदद की ठान ली। उन्होंने और उनके भाई विपिन थुवाल ने उसे अपनी कार में बिठाया और मानस सेवा केंद्र ले गए। वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ गणेश मेवाड़ी और अन्य स्टाफ की देखरेख में युवक का इलाज शुरू किया गया। इस कार्य में मानस सेवा केंद्र ने सहयोग करते हुए इलाज का आधा खर्च खुद उठाने की बात कही। करीब आठ महीने जुलाई में युवक रिकवर हो गया था। युवक ने अपना नाम शेखर और माता-पिता का नाम बताने के साथ अपना पता जिला चित्तूर (आंध्र प्रदेश) बताया। यह पता चलते ही योगेश जोशी तत्काल अस्पताल पहुंचे व पूरी जानकारी ली। उन्होंने एसओजी प्रभारी नंदन सिंह रावत से संपर्क कर प्रकरण के बारे में बताया। मात्र 5 घंटे के भीतर नंदन सिंह रावत ने युवक का पता खोज निकाला व युवक के घरवालों उसके सही सलामत होने की जानकारी दी। 23 अगस्त को युवक के माता-पिता और भाई शेखर को लेने हल्द्वानी पहुंच गए। पिता ने बताया कि उनका बेटा 15 माह से लापता था और उन्होंने कई जगह उसकी ढूढ़खोज की लेकिन कहीं पता नहीं चला। पुलिस बहुउद्देशीय भवन में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पंकज भट्ट, सीओ भूपेंद्र सिंह धौनी के समक्ष बेटे से मिलकर माता पिता फूले नहीं समाए। बेटे को देखकर उनकी आंखें भर आईं। उन्होंने बेटे से मिलवाने में सहयोग करने के लिए पुलिस प्रशासन, समाजसेवी समेत अन्य लोगों का आभार जताया। इसके बाद परिजन अपने बेटे को लेकर गांव को रवाना हो गए।
