बाबा केदार की आस्‍था में दस लाख से ज्‍यादा भक्‍तों ने नवाया शीश

उत्तराखंड
  • साल 2022 में छह मई से शुरू हुई केदारनाथ यात्रा में तीर्थयात्रियों की संख्‍या ने पुराने रिकॉर्ड तोड़े
  • अक्‍तूबर में केदारनाथ मंदिर के कपाट तीर्थयात्रियों के लिए  छह महीने के लिए हो जाएंगे बंद

देहरादून। केदारनाथ धाम देश के सबसे पवित्र तीर्थों में शामिल है। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ मंदिर तक पहुँचने के लिए भक्‍तों को लंबी यात्रा करनी पड़ती है। मंदिर के कपाट सुबह सात बजे खुलते हैं। तीर्थयात्री आरती में शामिल होने और दर्शन के लिए गर्भगृह में प्रवेश कर सकते हैं।  दोपहर एक से दो बजे तक एक विशेष पूजा होती है जिसके बाद मंदिर के द्वार विश्राम के लिए बंद कर दिए जाते हैं। शाम पांच बजे मंदिर के कपाट एक बार फिर दर्शनार्थियों के लिए खोल दिए जाते हैं। शाम 7:30 बजे से 8:30 तक विशेष आरती होती है। इस दौरान महादेव की पांच मुखी प्रतिमा का विधिवत श्रृंगार किया जाता है। रात्रि 08:30 बजे मंदिर के कपाट दर्शन के लिए बंद हो जाते हैं। बता दें कि इस साल मई से शुरू हुई यात्रा में करीब दस साल से ज्‍यादा भक्‍त बाबा के धाम पहुंच चुके और यात्रा में एक महीने का शेष है।


साल 2022 में छह मई से शुरू हुई केदारनाथ यात्रा में तीर्थयात्रियों ने संख्‍या के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। मई में चार लाख से अधिक लोग बाबा के दर पर मत्‍था टेकने देशभर से पहुंचे थे। केदारनाथ में इस साल अब तक दस लाख से ज्‍यादा भोले के भक्‍तों ने अपनी हाजिरी लगवाई है। इस साल यात्रा में करीब एक महीना बचा है। ऐसे में धाम में तीर्थयात्री पहुंचते रहेंगे। इससे यह संख्‍या का बढ़ना लाजिमी है। अक्‍तूबर में केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के बाद छह महीने बाद मई में धाम फिर भक्‍तों के लिए खुलता है।

https://uttarakhandtourism.gov.in/activity/char-dham

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